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राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान, जयपुर विधेयक, 2025 ध्वनिमत से पारित, रिम्स में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सेवाएं दिलाएंगी प्रदेश को विशेष पहचान, चिकित्सा और शोध का उत्कृष्ट केंद्र बनेगा रिम्स - उप मुख्यंमत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा
जयपुर, 8 सितम्बर। विधानसभा में सोमवार को राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान, जयपुर विधेयक, 2025 ध्वनिमत से पारित हुआ। विधेयक पर चर्चा के बाद उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गत डेढ़ साल में चिकित्सा क्षेत्र में कई नवाचार हुए हैं जिससे राजस्थान अग्रणी राज्य बना है। इसी कड़ी में एम्स की तर्ज पर जयपुर में राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) स्थापित कर रहे हैं। रिम्स के जरिए स्वास्थ्य परिदृश्य को नई ऊंचाईयां देने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 के बजट में प्रदेश में सुपर-स्पेशियलिटी चिकित्सा को नए आयाम देने के लिए आरयूएचएस (राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साईंसेज) का उन्नयन कर दिल्ली एम्स की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीयूट ऑफ मेडिकल साईंसेज (रिम्स) की स्थापना के लिए घोषणा की गई थी। इसमें चरणबद्ध रूप से 750 करोड़ रुपए व्यय करने का प्रावधान रखा गया है। मिलेंगी सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधाएं- डॉ. बैरवा ने कहा कि रिम्स से प्रदेश में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे राज्य को विशेष पहचान मिलेगी। रिम्स एक स्वायत्त संस्थान और विश्वविद्यालय के रूप में कार्य करेगा। यहां राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत डिग्री, डिप्लोमा और अन्य शैक्षणिक मान्यता दी जा सकेगी। रिम्स में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोक्राइनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, सीटीवीएस एवं ट्रांसप्लांट यूनिट जैसी सुपर स्पेशिलिटी सहित सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, विभिन्न विभागों की स्थापना होंगी। रिम्स में सुपर-स्पेशिलिटी और ब्रॉड स्पेशिलिटी के विकास, क्वाटरनरी-स्तर के रेफरल अस्पताल सेवाओं, आधुनिक चिकित्सा और संबद्ध विज्ञानों (आयुष प्रणालियों-आयुर्वेद और योग) में विशेष स्नातकोत्तर शिक्षण और राज्य के विशिष्ट स्वास्थ्य पहलुओं पर नवाचार और अनुसंधान किया जाएगा। साथ ही, शिक्षकों के प्रशिक्षण का भी नवाचार होगा। मुख्य सचिव होंगे रिम्स के अध्यक्ष- उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एकीकृत संस्थान में राज्य के मुख्य सचिव अध्यक्ष होंगे। संस्थान में अध्यक्ष के साथ शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग, शासन सचिव, वित्त विभाग, कुलगुरु, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर, आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा विभाग, संस्थान निदेशक, निदेशक चिकित्सा शिक्षा विभाग, राज्य सरकार द्वारा नामित विधानसभा सदस्य, महानिदेशक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली, निदेशक, स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान चंडीगढ़, निदेशक, जवाहर लाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुदुचेरी, निदेशक, भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलुरू, निदेशक, भारतीय प्रबंधन संस्थान उदयपुर, निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर, अध्यक्ष, आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय जयपुर, संस्थान के समस्त संकायाध्यक्ष और दो सदस्य आयुर्विज्ञान क्षेत्र के ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ सदस्य होंगे। एक शासी निकाय का होगा गठन- यहां एक शासी निकाय का गठन किया जाएगा, जिसमें अध्यक्ष, प्रभारी शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग, संस्थान के निदेशक, वित्त विभाग के प्रभारी शासन सचिव, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग, एम्स नई दिल्ली के निदेशक या प्राधिकृत प्रतिनिधि, एम्स जोधपुर निदेशक, आईआईएम उदयपुर निदेशक, टाटा मेमोरियल सेंटर मुम्बई, भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलुरु निदेशक, आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय जयपुर के अध्यक्ष, आईआईटी जोधपुर के निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग निदेशक, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलगुरु और संस्थान के समस्त संकायाध्यक्ष सदस्य होंगे। डॉ. बैरवा ने कहा कि रिम्स एक स्वायत्त संस्थान के रूप में कार्य करेगा। इसमें आरयूएचएस के सम्बंद्ध कॉलेजों को जोड़ा जाएगा। प्रारंभिक स्तर पर बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित है। अन्य खर्चों के लिए प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान किया गया है। इसे आश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकेगा। एक वित्तीय कोष की स्थापना कर वित्त समिति बनाई जाएगी, जिसके जरिए वित्तीय प्रबंधन में पूर्ण पारदर्शिता आएगी। उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है आरयूएचएस में मौजूदा कार्मिक स्वयं तय करे सकेंगे कि वे राज्य सरकार की सेवा में रहेंगे या रिम्स में कार्य करेंगे। इसके लिए भी एक चयन समिति बनाई जाएगी। यहां विश्व स्तरीय अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान के लिए विश्व स्तरीय चिकित्सा संस्थानों से अनुबंध किए जाएंगे। इसकी स्थापना से हमारा प्रदेश देश-विदेश में मेडिकल टूरिज्म का केन्द्र बनेगा।#breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews