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'लम्पी स्किन डिजीज' के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिये समन्वय बैठक आयोजित— शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने रोग नियंत्रण-रोकथाम की कार्ययोजना बनाने के दिए निर्देश
जयपुर, 04 सितंबर। प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिये समयबद्व तैयारियों एवं अन्य सम्बन्धित विभागों में अन्तर विभागीय समन्वय स्थापित किये जाने हेतु शासन सचिवालय में डॉ. समित शर्मा शासन सचिव पशुपालन विभाग की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ.आनंद सेजरा, गोपालन निदेशक श्री प्रह्लाद सहाय नागा तथा पशुपालन, डेयरी-गोपालन विभाग एवं अन्य स्टेक होल्डर्स विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में डॉ. शर्मा ने इस वर्ष लम्पी स्किन डिजीज रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम की पूर्व तैयारियां समय पर सम्पादित किये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुये यह निर्देश दिए कि कि गत वर्ष के अनुभवों के आधार पर रोग नियंत्रण-रोकथाम की कार्ययोजना चिन्हित की जानी तथा समस्त स्टेक होल्डर्स विभागों द्वारा समय रहते समेकित प्रयास किये जाने आवश्यक हैं। वर्तमान में राज्य के कुछ जिलों में लम्पी स्किन डिजीज रोग प्रकोप के छिटपुट मामले मिलने की सूचना प्राप्त हुई है। विभाग द्वारा उक्तानुसार केसेज मिलने पर रोग सर्वेक्षण, निदान एवं रोग नियंत्रण आदि की कार्यवाही सम्पादित की जा रही है। इस परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा भारत सरकार द्वारा जारी लम्पी स्किन डिजीज निदान योजना तथा लम्पी स्किन डिजीज नियंत्रण दिशा निर्देश ट.3 के अनुरूप कार्यवाही सम्पादित की जा रही है। विभाग द्वारा रोग नियंत्रण हेतु राज्य के समस्त गौ वंशीय पशुओं (लगभग 139 लाख गौवंशीय पशु) में गॉट पॉक्स वैक्सीन का उपयोग करते हुये टीकाकरण किया गया है। डॉ. शर्मा ने रोग नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु विभागवार तैयारियों की समीक्षा करते हुये पशुपालन विभाग को रोग सर्वेक्षण, निदान-सेम्पल कलेक्शन, उपचार तथा रोग नियंत्रण/रोकथाम हेतु गाईड़लाईन का प्रारूपण तथा इनकी पालना पशु चिकित्सा संस्थाओं-लैब्स के माध्यम से सुनिश्चित किए जाने तथा पशु चिकित्सा संस्था स्तर तक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि रोग प्रकोप की स्थिति में विभाग द्वारा जारी गाईड़लाईन के अनुरूप एपिसेन्टर, संक्रमित, उपचारित एवं मृत पशुओं की दैनिक सूचना निदेशालय को प्रेषित की जाए। पशु चिकित्सा संस्था स्तर पर लम्पी स्किन डिजीज से ग्रसित/उपचारित/मृत/रिकवर्ड पशुओं के पशुपालकों का समुचित रिकार्ड (जनआधार कार्ड आदि की सूचना के साथ) संधारित किया जाए ताकि एपिडिमियोलोजिकल स्टडीज आदि हेतु इनका उपयोग किया जा सके। डॉ शर्मा ने मृत पशुओं के शवों के वैज्ञानिक रीति से निस्तारण हेतु विभागीय अधिकारियों द्वारा सम्बन्धित स्थानीय निकाय तथा अन्य स्टेक होल्डर्स विभागों को तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाने के निर्देश प्रदान किये। शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने गोपालन विभाग को गौशालाओं में संधारित गौवंशीय पशुओं में रोग के नियंत्रण हेतु जैव सुरक्षा उपायों की पालना सुनिश्चित करने, गौशाला के संक्रमित पशुओं को खुले में चराने के लिये नहीं छोड़ने, गौशालाओं में सम्मिलित होने वाले नये पशुओं का कम से कम 14 दिवस हेतु क्वारेंटाईन किए जाने तथा इस समय के उपरांत ही अन्य पशुओं के साथ रखे जाने के निर्देश प्रदान किये। उन्होंने आर.सी.डी.एफ.को निर्देश दिया कि वे मिल्क यूनियन से सम्बद्ध पशुपालकों के पशु गृहों में सेनिटाईजेशन, हाईजिन, फोगिंग आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें तथा जिला दुग्ध उत्पादक संघों को निर्देश दिए कि वे लम्पी स्किन डिजीज रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु प्रचार-प्रसार सामग्री तैयार कर दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, ताकि दुग्ध संकलन केन्द्र पर आने वाले पशुपालकों को रोग के प्रति जागरूक, तत्पर एवं संवेदी बनाया जा सके। शासन सचिव ने पंचायती राज विभाग व स्वायत्त शासन विभाग को निर्देश दिया कि वे वेक्टर कन्ट्रोल हेतु इन्सेक्टिसाईड़ल रिऐजन्टस का छिड़काव/फोगिंग करने निराश्रित गौवंशीय पशुओं में टीकाकरण हेतु पशुओं की रिस्ट्रेनिंग (नियंत्रण) हेतु पशुपालन विभाग का सहयोग करने मृत पशुओं का वैज्ञानिक रीति से निस्तारण सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक वित्तीय प्रावधान चिन्हित किये जाकर आवश्यक पूर्व तैयारियां सुनिश्चित करें।#breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews