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श्री त्रिनेत्र गणेश लक्खी मेला 2025 —दूसरे दिन श्रद्धा, उल्लास और रिमझिम बारिश के संगम में उमड़े श्रद्धालु
जयपुर, 27 अगस्त। सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर दुर्ग स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री त्रिनेत्र गणेश मंदिर में चल रहे तीन दिवसीय वार्षिक लक्खी मेले के दूसरे दिन गणेश चतुर्थी एवं बुधवार के अनूठे संयोग ने श्रद्धा और उल्लास को चरम पर पहुँचा दिया। लाखों की संख्या में श्रद्धालु झूमते-गाते, जयकारों की गूँज के बीच दुर्गम पहाड़ी चढ़कर भगवान त्रिनेत्र गणेश जी के दरबार पहुँचे और विशेष श्रृंगार के दर्शन कर मनौतियाँ माँगी। बारिश में भी नहीं थमा उत्साह— बुधवार को दिनभर रिमझिम बारिश होती रही, मगर भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। श्रद्धालु वर्षा में भीगते हुए "गणपति बप्पा मोरिया" के जयकारों के साथ मंदिर तक पहुँचे। भीड़ का आलम यह रहा कि मार्ग में कदम रखने तक की जगह नहीं रही, फिर भी प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट की बेहतर व्यवस्थाओं के चलते मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं को सुचारू रूप से दर्शन होते रहे। जगह-जगह भंडारों में मान-मनुहार— सवाई माधोपुर से रणथंभोर तक मेले के मार्ग पर विभिन्न सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, व्यापार मंडलों और भामाशाहों की ओर से जगह-जगह भंडारे सजाए गए। श्रद्धालुओं को भोजन, चाय-नाश्ता, पूरी-सब्जी, खीर-मालपुआ, जलेबी-कचोरी से लेकर शरबत और काढ़ा तक परोसा गया। श्रद्धालु भंडारों पर बड़ी श्रद्धा और आत्मीयता से प्रसादी ग्रहण करते नजर आए। प्रशासन की सुरक्षा और व्यवस्था एकदम दुरुस्त रहा— श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए। मेले को 10 जोनों में बाँटा गया, जहाँ 1500 से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात रहे। महिला एवं पुरुषों की कतारें अलग रखी गईं। रोडवेज की 55 बसें श्रद्धालुओं के आवागमन में जुटीं। नदी-नालों पर गोताखोर तैनात रहे, साथ ही सीसीटीवी कैमरों से निगरानी भी की गई। बुधवार को त्रिनेत्र गणेश जन्मोत्सव— बुधवार को गणेश चतुर्थी भगवान गणेश का जन्मदिवस भी है। इस अवसर पर गणेश मंदिर में प्रातः मंगला आरती, 9 बजे महाआरती और दोपहर 12 बजे गणेश जन्मोत्सव का आयोजन हुआ। विशेष श्रृंगार में सजे भगवान त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन से मंदिर परिसर आस्था और भक्ति से सराबोर हो उठा। मान्यता है कि विश्व में यही एकमात्र स्थान है, जहाँ त्रिनेत्र गणेश अपनी पत्नियों रिद्धि-सिद्धि एवं पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजमान हैं। तीन दिवसीय इस वार्षिक महोत्सव में आस्था, भक्ति, उत्साह और प्रशासनिक व्यवस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बावजूद व्यवस्थाएँ अनुशासित रहीं। रणथंभौर की वादियाँ भगवान गणपति के जयकारों से गूँज उठीं और गणेश चतुर्थी पर त्रिनेत्र गणेश लक्खी मेला अपनी परंपरा, आस्था और भव्यता के साथ ऐतिहासिक रूप से सफल रहा।#breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews