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गीता पढे, जीवन को सार्थक बनाएं- श्री देवनानी —गीता मनीषी स्‍वामी ज्ञानान्‍द ने गीता सत्‍संग किया —श्री देवनानी ने कहा कि गीता व रामायण घर में रखें, संवाद करें और निराशा को दूर करें

जयपुर, 21 अगस्त। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि गीता पढें और निराशा व कुण्‍ठा को समाप्‍त कर जीवन को सार्थक बनाएं। उन्‍होंने कहा कि रामायण व गीता जीवन जीने के लिए कर्म प्रधान ग्रंथ है। श्री देवनानी ने अभिभावकों का आव्‍हान किया कि वे इन दोनों ग्रंथों को घर में रखें। अपने बच्‍चों को इनका अध्‍ययन कराएं। इससे निराशा व कुण्‍डा समाप्‍त होगी और जीवन जीने की प्रेरणा मिलेगी। श्री देवनानी गुरूवार को यहां कॉन्स्टिटयूशन क्‍ल्‍ब ऑफ राजस्‍थान में गीता मनीषी स्‍वामी ज्ञानान्‍द के दिव्‍य गीता सत्‍संग समारोह को सम्‍बोधित कर रहे थे। श्री देवनानी ने स्‍वामी ज्ञानान्‍द का शॉल ओढाकर अभिवादन किया। समारोह में श्री आनन्‍द पोद्धार ने श्री देवनानी का पुष्‍प गुच्‍छ भेंट कर और शॉल ओढाकर अभिनन्‍दन किया। श्री देवनानी ने कहा कि सनातन संस्‍कृति का वातावरण राष्‍ट्र को अनुकूल बना रहा है। राष्‍ट्र नेतृत्‍व भारत को सनातन संस्‍कृति के साथ प्रगति की ओर बढा रहा है। भारत शीघ्र ही विश्‍व गुरू बन जाएगा। श्री देवनानी ने बताया कि उन्‍होंने अपने शिक्षा मंत्री के कार्यकाल में विद्यालयों में गीता ग्रंथ भिजवाये थे। श्री देवनानी ने नैतिकता की शिक्षा की आवश्‍यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि नैतिक शिक्षा के लिए गीता अध्‍ययन जरूरी है। इस अवसर पर श्री जसवीर सिंह, श्री योगी मनीष, श्री हेमन्‍त सेठीया सहित अनेक गणमान्‍य नागरिक मौजूद थे। #breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews