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अभियान के तहत जयपुर जिले के 10 ब्लॉक के 177 गांवों का हुआ चयन - जनजातीय क्षेत्रों में विकास, उत्तरदायी शासन एवं अंतिम छोर तक सेवा संतृप्ति है अभियान का लक्ष्य - चयनित गांव में 20 व्यक्तियों को आदि सहयोगी, आदि साथी के तौर पर दी जा रही जिम्मेदारी
जयपुर, 19 अगस्त। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा विकसित भारत के निर्माण के लिए अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के लिए आदि कर्मयोगी अभियान की शुरूआत की गई है, जिसके तहत पूरे देश में एक लाख एसटी बाहुल्य प्रत्येक गांव में 20 व्यक्तियों को चयनित कर आदि सहयोगी एवं आदि साथी के रूप में कार्य करवाना है। आदि कर्मयोगी विकसित भारत के लिए आंदोलन है जो सेवा, समर्पण एवं और संकल्प से प्रेरित है। यह अभियान जनजातीय क्षेत्रों में उत्तरदायी शासन एवं अंतिम छोर तक सेवा संतृप्ति सुनिश्चित करता है। इस अभियान में जयपुर जिले में 10 ब्लॉकों में 177 गांवों का चयन किया गया है। एसटी वर्ग के व्यक्ति सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील भौगोलिक क्षेत्रों में रहते हैं। दशकों के निवेश और अनेक योजनाओं के बावजूद स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, आजीविका, जल और शासन-प्रशासन में व्यवस्थागत कमियाँ बनी हुई हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इन चुनौतियों का समाधान करने और अंतिम छोर तक शासन और जन-केंद्रित विकास के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया है, जिसकी अवधि 2030 तक रखी गई है। जनजातीय कार्य मंत्रालय के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शासन और सेवा वितरण में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के लिए मिशन के रूप में यह शुरू किया गया है। यह कार्यक्रम बीटा संस्करण के रूप में शुरू किया गया है और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, आदि कर्मयोगी अभियान के साथ संरेखित है। यह मिशन बहु-विभागीय अभिसरण को उत्प्रेरित करने , सहभागी शासन को मजबूत करने और शासन के निचले स्तर पर जन-संचालित पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास का पुनर्निर्माण कर रहा है। जयपुर में इसके लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर पर 5 विभागों महिला एवं बाल विकास , ग्रामीण विकास , स्वास्थ्य , जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी और वन विभागों के कुल 69 अधिकारी/कर्मचारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में नियुक्त किया गया है। ग्राम स्तरीय कर्मचारियों में ग्राम पंचायत में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पशुधन सहायक, प्रधानाध्यापक, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और विद्युत विभाग के कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, एएनएम, साथिन, कृषि पर्यवेक्षक, वनपाल, सहकारिता में ग्राम सेवा सहकारी समिति का व्यवस्थापक एवं राजीविका में बने हुए ग्रुप की महिला अध्यक्ष की शामिल करते हुए उस ग्राम पंचायत के इन कर्मचारियों का धरती आबा में चयनित ग्राम के लिए आदि कर्मयोगी के रूप में चयन किया जा रहा है। ग्राम स्तर पर उस ग्राम के निवासी युवा, ग्राम में कार्यरत अध्यापक, डॉक्टर एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं में से आदि सहयोगी का चयन किया किया जा रहा है। इसी प्रकार धरती आबा योजना में चयनित ग्राम से आदि साथी के लिए उसका ग्राम के वार्ड पंच, सरपंच, स्वयंसेवी संस्था के सदस्य एवं गांव में रहने वाले मोहल्लावार, ग्रामीण पटेल/मुखिया/गमेती का आदि साथी के तौर पर चयन किया जा रहा है। आदि कर्मयोगी अभियान को पीएम-जनमन, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन, ईएमआरएस विस्तार और छात्रवृत्ति अभियानों के साथ तालमेल बिठाने के लिए डिजाइन किया गया है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत् जयपुर जिले के 177 गांवों में जनजाति वर्ग के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु जन चेतना के उद्देश्य से अभियान में शामिल 17 विभागों से संबंधित 25 गतिविधियों के सम्मिलन से क्रियान्वयन किया जा रहा है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत गत 15 जून से 30 जून तक जागृति एवं लाभ संतृप्ति कैम्पों का आयोजन किया गया है। #breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews