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एसएनए-स्पर्श के चरणबद्ध विकास एवं कार्यान्वयन में राजस्थान अग्रणी- अतिरिक्त सचिव, केन्द्रीय वित्त मंत्रालय - एसएनए स्पर्श को ओर अधिक सुदृढ़ करने के लिए अंतरराज्यीय कार्यशाला में किया गया मंथन# न्यूज#
जयपुर, 16 मई। #07:53 pm # केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के निधि हस्तान्तरण की नवीन समयोचित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तान्तरण (एसएनए स्पर्श) के संबंध में केन्द्र व राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को शासन सचिवालय, जयपुर में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में केन्द्र सरकार के वित्त मंत्रालय सहित राजस्थान, हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश के वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अतिरिक्त सचिव, केन्द्रीय वित्त मंत्रालय # डॉ. सज्जन सिंह यादव # ने नवीन प्रणाली में सफलतापूर्वक हस्तान्तरण किए जाने के लिए राजस्थान की प्रशंसा करते हुए अन्य राज्यों को भी राजस्थान की तर्ज पर उनके प्रदर्शन में सुधार लाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एसएनए-स्पर्श को लेकर प्रभावी कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पीएफएमएस आधुनिक सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, राज्य सरकारों को कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम छोर के लाभार्थियों तक तेजी से, कुशलता, पारदर्शिता और जवाबदेहीता के साथ पहुंचाने का अवसर दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त # श्री अखिल अरोरा # ने राज्य का पक्ष प्रस्तुत करते हुए केन्द्र सरकार, एनपीसीआई व रिजर्व बैंक को अनेक सुझाव दिए ताकि नई प्रणाली का सुगमतापूर्वक संचालित किया जा सके। कार्यशाला में राजस्थान की ओर से परियोजना निदेशक, आईएफएमएस द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में एसएनए स्पर्श के चरणबद्ध विकास एवं कार्यान्वयन की जानकारी दी गई। इस दौरान हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश राज्यों के अधिकारियों ने एसएनए स्पर्श के कार्यान्वयन की स्थिति एवं क्रियान्वयन से संबंधित विषयों से अतिरिक्त सचिव (पीएफएस) को अवगत करवाया। उल्लेखनीय है कि नई प्रणाली के अन्तर्गत केन्द्र सरकार के मंत्रालयों व राज्य सरकारों द्वारा उनकी हिस्सा राशि जस्ट-इन-टाइम के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से जारी की जाएगी, जिससे केन्द्र व राज्य सरकारों को एकमुश्त राशि जारी करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। कार्यशाला में प्रमुख शासन सचिव, # डॉ. देबाशीष पृष्टी # , निदेशक बजट, # श्री बृजेश किशोर शर्मा # व राज्य के विभिन्न विभागाध्यक्षों, उप महालेखा नियन्त्रक (पीएफएमएस), मुख्य महाप्रबन्धक आरबीआई, एनपीसीआई तथा वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।