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केंद्रीय वन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने 50 ऑटो टिपर (कचरा संग्रहण वाहन) का किया लोकार्पण, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुआ स्वच्छ भारत मिशन अभियान सामाजिक परिवर्तन की मिसाल, अलवर को स्वच्छता ब्राण्ड बनाने में प्रतिबद्धता

जयपुर, 2 अगस्त। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री एवं अलवर सांसद श्री भूपेन्द्र यादव शनिवार को अलवर जिला स्थित प्रताप ऑडिटोरियम से नगर निगम द्वारा शहर की स्वच्छता को बेहतर करने के उद्देश्य से पर्यावरण संरक्षण शुल्क निधि के अंतर्गत घर-घर कचरा संग्रहण हेतु क्रय किए गए नए 50 ऑटो टिपर (कचरा संग्रहण वाहन) का लोकार्पण कर उन्हें हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने अभिनव पहल करते हुए नगर निगम की सफाई कर्मचारी श्रीमती पूनम चावरिया से ऑटो टिपर का पूजन करवाया तथा 5 स्वच्छता सखियों को स्वच्छता किट भेंट किए एवं उपस्थित जनसमूह को स्वच्छता की शपथ दिलाई। स्वच्छ भारत मिशन सामाजिक परिवर्तन का बडा सूत्रापात— केंद्रीय वन मंत्री श्री यादव ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में कार्यभार संभालते ही गांधी जयन्ती 2 अक्टूबर से स्वच्छ भारत मिशन का आगाज किया था, जिसके सार्थक परिणाम दृष्टिगोचर हो रहे हैं। इस अभियान की प्रशंसा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने करते हुए कहा कि यह भारत में सामाजिक परिवर्तन का बहुत बडा सूत्रपात है। स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत देश में 11 करोड 65 लाख शौचालय बनाए गए तथा 4576 गांवों को ओडीएफ, 3913 गांवों को ओडीएफ प्लस, 1429 शहरों को विगत 10 वर्षों के कार्यकाल में ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा प्रदान किया गया है। एनसीआर का सबसे साफ-सुथरा शहर बनने की दिशा में बढा अलवर— उन्होंने कहा कि स्वच्छता और स्वच्छ शहर समृद्धि का मार्ग है, इसको मध्यनजर रखते हुए अलवर शहर को स्वच्छ व साफ-सुथरा शहर बनाने व एनसीआर क्षेत्र में स्वच्छता में टॉप रैंकिंग लाने के लिए सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं जिसके तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पर्यावरण संरक्षण शुल्क निधि (ईपीसी फण्ड) की 4.50 करोड रूपये की राशि से नगर निगम अलवर को 50 ऑटो टिपर (कचरा संग्रहण वाहन) उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी क्षमता शहर में संचालित ऑटो टिपरों से डेढ गुना अधिक है। इससे शहर की साफ-सफाई व्यवस्था में कचरे को पृथक-पृथक संग्रहण करने में सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि अलवर ने स्वच्छ सर्वेक्षण में 310 पायदान ऊपर चढकर 54वीं रैंक हासिल की है, जबकि विगत सर्वेक्षण में 364वें स्थान पर था। स्वच्छता को संस्कार में लाने के लिए जन सहभागिता जरूरी— उन्होंने कहा कि शहर के कचरा प्रबंधन में सार्वजनिक भागीदारी पर बल देते हुए कहा कि घर व प्रतिष्ठान से गीला व सूखा कचरा पृथक-पृथक होगा तो कचरे की रिसाइकिलिंग से जैविक खाद व बायोगैस प्लांट आदि लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एक दिन या एक मेडल लेने का कार्य नहीं है बल्कि यह पूरे जीवन चलने वाला संस्कार है। उन्होंने कहा कि अब अलवर को स्वच्छता में एक ब्रांड के रूप में स्थापित करने में शासन व प्रशासन के साथ शहर के सामाजिक व व्यापारिक संगठनों, स्वयं सहायता संस्थाओं व आम नागरिक की जागरूकता के साथ भागीदारी की महती आवश्यकता है। इसके लिए सितम्बर-अक्टूबर माह में शहर के स्कूलों एवं कॉलेजों में विभिन्न एसोसिएशनों के साथ जागरूकता, श्रमदान व प्रशिक्षण आयोजित कर इसे जन आन्दोलन बनाने का प्रयास किया जाएगा। कचरा निस्तारण की दिशा में सकारात्मक प्रयास— उन्होंने कहा कि शहर में मेकेनाइज ट्रांसफर स्टेशन के लिए यूआईटी ने 6480 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की है, वहीं सीएनडी वेस्ट प्लांट के लिए यूआईटी द्वारा अग्यारा में 18 हजार वर्गमीटर भूमि आंवटित की गई है तथा गोलेटा में एक लाख घन मीटर से अधिक पडे लीगेसी वेस्ट के निस्तारण की भी कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि अलवर शहर का विस्तार हो रहा है इसको ध्यान में रखते हुए शहर की साफ-सफाई के लिए नगर निगम क्षेत्रा के साथ-साथ यूआईटी व रीको के क्षेत्र को भी शामिल किया जाकर साफ-सफाई का टैंडर किया जा रहा है। पूर्व में 2020 में ठोस कचरे के निस्तारण हेतु जिस फर्म को ठेका दिया गया था उसने कोई काम नहीं किया, उसके टैंडर को निरस्त किया गया। उन्होंने कहा कि शहर को कचरा मुक्त, क्लीन सिटी व प्लास्टिक फ्री सिटी के रूप में स्थापित करने की दिशा में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की कार्यक्षमता में वृद्धि के लिए उनका प्रशिक्षण कराया जाएगा, इसके लिए पुराना सूचना केंद्र व रामगढ चिन्हित किया गया है। शहर की स्वच्छता में मानकों के अनुरूप आवासीय क्षेत्रों में दिन में दो बार व वाणिज्यिक क्षेत्रों में दिन में तीन बार साफ-सफाई कार्य करना होता है। इसके लिए जिला प्रशासन शहर के कचरा संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करें और उसमें व्यापारिक व सामाजिक संगठनों का सहयोग भी लेवे। पार्क गोद लेने में आगे आएं संस्थाएं— उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा माई सिटी माई पार्क अभियान शुरू किया गया है जिसके अंतर्गत माई सिटी माई पार्क वेब पोर्टल बनाया गया है जिसके माध्यम से शहर के व्यापारिक संगठन, सामाजिक संगठन आदि जुडकर पार्क को गोद ले सकते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इस अभियान से शहर में स्थित 166 पार्कों का कायाकल्प हो सकेगा। इसी प्रकार जिला प्रशासन द्वारा क्लीन अलवर पोर्टल प्रारम्भ किया गया है जिसमें स्वच्छता व रोड लाइट संबंधी शिकायतें की जा सकती है। उन्होंने कहा कि शहर की साफ-सफाई व्यवस्था में आमजन का सहयोग लेने के साथ-साथ सख्ती भी बरती जाए। इस दौरान जिला प्रमुख श्री बलबीर सिंह छिल्लर, रामगढ विधायक श्री सुखवंत सिंह, जिला कलक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री तेजपाल सिंह सहित प्रबुद्ध व्यक्ति एवं बडी संख्या में आमजन मौजूद रहे। #breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews