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मानसून काल में सामान्य वर्षा औसतन 424 एमएम, इस मानसून अब तक 94 प्रतिशत वर्षा दर्ज, अभी तक की समय अवधि में सामान्य से 85 प्रतिशत अधिक हुई वर्षा, प्रदेश में 77 बाढ़ नियंत्रण कक्षों से सतत निगरानी - 260 जलाशयों में पूर्ण भराव, 202 में से छलकने लगी समृद्धि
जयपुर, 1 अगस्त। राज्य के मानसून काल में सामान्य वर्षा औसतन 424 एमएम मानी जाती है, लेकिन इस बार मानसून प्रदेश पर मेहरबान है। राज्य में 1 जून, 2025 से 1 अगस्त, 2025 तक 403 एमएम वर्षा दर्ज हुई है, जो कि सामान्य वर्षा का 94 प्रतिशत है। यह वर्षा इसी समय अवधि (1 जून से 1 अगस्त, 2025 तक) में होने वाली सामान्य वर्षा 217 एमएम से 85 प्रतिशत अधिक है। राज्य के 714 वर्षामापी स्टेशनों पर रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। यह इस वर्ष बेहतर जल संग्रहण की स्थिति को भी दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि मानसून काल 30 सितम्बर तक माना जाता है। राज्य में अच्छी वर्षा के फलस्वरूप 260 बांध अपनी पूर्ण जलभराव क्षमता पर पहुंच गए हैं। इनमें से 202 में जल स्तर लगातार बढ़ने से पूरी सावधानी और आमजन को पूर्व सूचित कर जल निकासी की जा रही है। बांधों में चली खुशियों की चादर से किसान, पशुपालक सहित सभी वर्ग उत्साहित है। सुदृढ़ बाढ़ नियंत्रण, पूर्ण सक्रिय— राज्य में वर्षा, बांध और नदियों में जल स्थिति को लेकर जून, 2025 से सिंचाई भवन, जयपुर में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष पूर्ण रूप से सक्रिय है। यहां 24 घंटे कार्मिक प्रदेशभर में हो रही वर्षा और संभावित बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा जिलों और पड़ोसी राज्यों से नियमित समन्वय रखा जा रहा है। इससे वर्षा जलप्रवाह से संबंधित सूचनाएं समय पर आदान-प्रदान की जा रही हैं। जिला प्रशासन, मीडिया और आमजन तक जागरूकता व सावधानी बरतने के लिए सूचनाएं पहुंचाई जा रही है। साथ ही, भारतीय मौसम विभाग और केन्द्रीय जल आयोग से मौसम एवं वर्षा, बांधों के गेज, रिवर गेज एवं फ्लड फॉर कास्टिंग के डाटा प्राप्त कर आकलन करते हुए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा एवं जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत की विशेष निगरानी से प्रदेश में जल प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ किया गया है। केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अलावा प्रदेश में राजस्व विभाग के 41 और जल संसाधन विभाग के 36 बाढ़ नियंत्रण कक्ष सतत निगरानी बनाए हुए हैं। इनके साथ ही, महत्वपूर्ण बांधों पर भी बाढ़ नियंत्रण व गेटों के संचालन के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हुए हैं। इनमें विभिन्न पारियों में कार्मिक तैनात हैं। बांधों में 76 प्रतिशत जल संचयन— राज्य के जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कुल 693 बांधों की पूर्ण भराव क्षमता 13026 एमसीयूएम है। इनमें, अभी 9902 एमसीयूएम जल संग्रहित है। यह कुल पूर्ण भराव क्षमता का 76 प्रतिशत से अधिक है। बांधों में 15 जून से जुलाई तक 4256 एमसीयूएम (32 प्रतिशत) जल की आवक दर्ज हुई है। राज्य के 23 वृहद बांधों में कुल पूर्ण भराव क्षमता 8196 एमसीयूएम है, जिनमें अभी 6929 एमसीयूएम (84 प्रतिशत) जल संग्रहित हो चुका है। इसी प्रकार, 670 मध्यम व लघु बांधों में 4829 एमसीयूएम पूर्ण भराव क्षमता पर 2972 एमसीयूएम (61 प्रतिशत) जल भरा हुआ है। प्रदेश में इस मानसून अब तक सबसे अधिक वर्षा 1541 एमएम उम्मेद सागर, बारां में हुई। एक अगस्त को 7 बांध ओवरफ्लो हुए हैं। जल संसाधन मंत्री ने की अपील— जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत स्वयं पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। विभागीय अधिकारियों को फील्ड में रहकर सक्रियता से निगरानी रखने सहित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। श्री रावत ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे मौसम विभाग एवं जिला प्रशासन से जारी दिशा—निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में जिला प्रशासन या बाढ़ नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें। बहते हुए पानी और जलाशयों के निकट नहीं जाए। बाढ़ नियंत्रण कक्ष, जयपुर संभाग— केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष, सिंचाई भवन जयपुर- - 0141-2700452/2702480/2702335 जयपुर संभाग स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष- 0141-2702355 अतिरिक्त मुख्य अभियंता जल संसाधन संभाग जयपुर- 0141-2702353#breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews