News
Back
वन मंत्री ने किया रणथंभौर की मछली “लेडी ऑफ द लेक्स” बाघिन को समर्पित स्मारक का अनावरण— ग्लोबल टाइगर डे पर भारत की सबसे प्रतिष्ठित बाघिन को आधिकारिक श्रद्धांजलि
जयपुर, 29 जुलाई। ग्लोबल टाइगर डे, 29 जुलाई के अवसर पर मंगलवार को वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने रणथंभौर टाइगर रिजर्व की गौरवशाली और विश्वविख्यात बाघिन ''मछली'' (टी-16) को चिरस्थायी स्मृति देने हेतु जोगी महल गेट, रणथम्भौर पर भव्य स्मारक का अनावरण किया। वन राज्यमंत्री ने ग्लोबल टाइगर डे की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रण्थम्भौर टाईगर रिजर्व राज्य के वन्य जीव पर्यटन मानचित्र का बड़ा सिम्बल है। इसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। रण्थम्भौर टाईगर रिजर्व क्षेत्र को आबाद करने में बाघिन मछली (टी-16) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि देश में टाईगर का यह द्वितीय स्मारक है। वन विभाग की ओर से यह स्मारक बाघिन मछली (टी-16) को सच्ची श्रद्धांजलि है। शावको के साथ मछली प्रदर्शित करता यह स्मारक न केवल उसकी विरासत को जीवंत करता है बल्कि रणथंभौर भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों एवं त्रिनेत्र गणेश मंदिर के श्रद्धालुओं के लिए वन्यजीव संरक्षण की एक प्रेरणास्पद झलक भी प्रस्तुत करेगा। उल्लेखनीय है कि रणथम्भौर की सबसे प्रसिद्ध बाघिन मछली (टी-16) का जन्म 1997 में हुआ। अपने चेहरे पर मछली जैसी आकृति के कारण उसे यह नाम मिला और वर्षों तक पदम तालाब, राजबाग और मलिक तालाब जैसे झीलों वाले क्षेत्र पर नियंत्रण रखने के कारण “लेडी ऑफ द लेक्स” एवं एक विशाल मगरमच्छ को परास्त कर “क्रोकोडाइल किलर” भी कहलाई। मछली ने 5 बार शावकों को जन्म दिया और 2004-05 के शिकार संकट के समय रणथंभौर को पुनः आबाद किया। रणथंभौर की वर्तमान बाघ आबादी का एक बड़ा हिस्सा मछली के वंशजों से बना है जिनमें सुंदरी (टी-17) और ऐरोहेड (टी-84) जैसे नाम शामिल हैं। मछली की ही संतान बाघिन एसटी-2 राजमाता ने अलवर के सरिस्का को आबाद किया। 2016 में लगभग 19 वर्षों की आयु में मछली का देहांत हुआ, जो किसी जंगली बाघिन के लिए अभूतपूर्व आयु मानी जाती है। बाघिन मछली के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री ''द वर्ल्ड्स मोस्ट फेमस टाइगर'' को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। वर्ष 2013 में भारत सरकार ने मछली पर स्मारक डाक टिकट जारी कर उसे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया। कार्यक्रम में नवचयनित 107 वन्यजीव गाइड को प्रशिक्षण समापन प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए गए। वन्यजीव गाइड खुश बैरवा (विस्थापन श्रेणी) और उमेश सैनी (ईडीसी श्रेणी) को रणथंभौर संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लेकर हरियाली को जन आंदोलन बना रही है। यह पहल भविष्य के हरित राजस्थान की नींव बनेगी। खण्डार विधायक श्री जितेंद्र गोठवाल ने गणेश मेले से पूर्व किला परिसर में दीवार निर्माण एवं मरम्मत व परिक्रमा मार्ग की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर अधिकारियों से चर्चा कर व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने पर बल दिया। उन्होंने बाघ विस्थापन, स्थानीय वन विकास व संरक्षण योजनाओं पर भी सार्थक सुझाव दिए। कार्यक्रम से पूर्व आलनपुर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व की नवीन नर्सरी का उद्घाटन कर वन राज्य मंत्री संजय शर्मा, विधायक श्री जितेन्द्र गोठवाल, जिला कलक्टर श्री कानाराम, पुलिस अधीक्षक श्री अनिल बेनीवाल एवं अन्य अतिथियों द्वारा सिन्दूर, अशोक और कदम के पौधे लगाए गए। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री मानसिंह गुर्जर, पीसीसीएफ शिखा मेहरा, एपीसीसीएफ डॉ. राजेश गुप्ता, सीसीएफ श्री अनूप के.आर., डीसीएफ श्री रामानंद भाकर एवं डीसीएफ श्री प्रमोद धाकड़ सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। #breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews