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हरियालो राजस्थान अभियान, हरियाली तीज के पावन पर्व पर एक ही दिन में अलवर जिले में 10 लाख पौधे लगाकर अर्जित की ऐतिहासिक उपलब्धि, जिला स्तरीय कार्यक्रम कन्या उपवन में आयोजित, पर्यावरण संरक्षण और सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार
जयपुर, 27 जुलाई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम‘ अभियान से प्रेरित हरियालो राजस्थान अभियान के तहत हरियाली तीज के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान के अंतर्गत रविवार को अलवर जिले के कटी घाटी स्थित कन्या उपवन में वन महोत्सव-हरियालो राजस्थान 2025 का जिला स्तरीय पौधारोपण कार्यक्रम केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रभारी मंत्री एवं कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोडी लाल मीणा ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्री प्रभार) श्री संजय शर्मा ने शिरकत की। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने उपस्थित आमजन को हरियाली तीज की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विशेष पहल के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ‘एक पेड़ मां के नाम‘ अभियान शुरू किया गया, हम सभी पर हमारी मां के बाद धरती मां का विशेष उपकार है धरती मां हमें प्राण वायु से लेकर खाद्यान्न, ऊर्जा एवं औषधि उपलब्ध कराती है। उसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का कार्यक्रम ही ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से हम देश दुनिया में प्रकृति के प्रति लगाव पैदा करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को पर्यावरण शपथ दिलाई तथा कार्यक्रम में अतिथियों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। सिलीसेढ झील को मिलेगा रामसर साइट का दर्जा — उन्होंने झीलों की महत्वता बताते हुए कहा कि जिस प्रकार से पेड़ हमारे फेफड़ों का कार्य करते हैं इसी प्रकार झीले किडनी का कार्य करती हैं। दुनियाभर में झीलों का प्राकृतिक व संरक्षण की दृष्टि से चयन कर रामसर कन्वेंशन (172 देश सदस्य) में उन्हें रामसर साइट का दर्जा दिया जाता है। अलवर की सिलीसेढ झील को रामसर साइट का दर्जा दिलाने के लिए भारत सरकार का विदेश मंत्रालय विशेष प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोजित रामसर कन्वेंशन में शिरकत कर वेटलैंड कन्वेंशन की महासचिव डां. मुसोंडा मुंबा को रामसर साइटों के चित्र के साथ-साथ सीलिसेढ झील की चित्र कृति भेंट की। उन्होंने कहा कि हम सिलीसेढ झील को रामसर साइट का दर्जा दिलाने एवं उसके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है इसलिए सिलीसेढ झील की सफाई एवं डी- शिल्टींग की व्यवस्था कराई गई है साथ ही सिलीसेढ़ झील की उपरा से जयसमंद नाले को चैनेलाइज करने के लिए 3 किलोमीटर लंबाई कार्य का 50 लाख का तकमीना तैयार कराया गया है, वहीं सिलीसेढ क्षेत्र में पानी का अच्छे से भूगर्भ सर्वेक्षण कार्य हो, उदयनाथ आश्रम से जयसमंद झील तक पानी का प्रवाह व नटनी के बांरा से नहर कार्य, सिलीसेढ झील से लाल डिग्गी तक पानी के प्रवाह की व्यवस्था निर्मित कराने एवं बाढ के बाग में पानी के प्लांट लगाने के कार्य को आगे बढ़ाया जाए तथा रूपारेल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए डीपीआर तैयार की गई है। बिना भेदभाव के सर्वांगीण विकास का है संकल्प — केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने कहा कि हमारा लक्ष्य है अलवर को विकास, पर्यटन एवं स्वच्छता की दृष्टि से बढ़ावा मिले, इसके लिए गत वर्ष से अलवर को स्वच्छता में आगे बढ़ाने के विशेष प्रयास किए गए व स्वच्छता कार्य के लिए अधिक फंड उपलब्ध कराया गया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए विशेष प्रयासों की वजह से अब स्वच्छता रैंकिंग में अलवर को देशभर के शहरों में 54 वां स्थान मिला, जो की पहले 354 वां स्थान था, वहीं 3 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में अलवर को प्रदेश में चौथा स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि यह सुधार अलवर के नागरिकों के कल्चरल एवं बिहेवियर चेंज को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हम अलवर के सरिस्का के विकास के साथ-साथ रणथंभौर एवं अन्य टाइगर रिजर्व के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, हमारी सरकार ने बेहतर मॉनिटरिंग के माध्यम से सरिस्का को पुनः टाइगरों से आबाद किया है। सरिस्का अभयारण्य का क्रिटिकल हैबिटेट एरिया (सीटीएच) और इकोनामिक सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) पूरा न होना दुरूह स्थिति है। सर्वाच्च न्यायालय के निर्देशन पर गठित कमेटी दिशा में कार्यवाही की जा रही है। सीटीएच होने के बाद ईएसजेड का डिमार्केशन किया जाना है। इसका समाधान ईएसजेड नोटिफिकेशन की प्रक्रिया पूर्ण होने से होगा। अलवर के पर्यटन व आध्यात्मिक केंद्रों को लाया जाएगा प्रकाश में — उन्होंने कहा कि अलवर की धरती महाराज भर्तृहरि एवं महाराज उदयनाथ की तपोभूमि रही है यह केवल पर्यटन स्थल नहीं है यह तपस्थली व योग भूमि है। यहां संसार को महाराज भर्तृहरि ने नीति शतक, श्रृंगार शतक व वैराग्य शतक के माध्यम से बड़ा ज्ञान दिया। हमारी सरकार द्वारा पवित्र प्रेरणा स्थली महाराज भर्तृहरि धाम को विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम बिना पक्षपात के अलवर के विकास के लिए कृत संकल्पित हैं इसी दिशा में कार्य करते हुए अलवर टाइगर मैराथन को इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाएगा, इसमें देश-दुनिया के प्रसिद्ध एथलीट भाग लेंगे, इससे अलवर के आर्थिक विकास एवं पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। केंद्र व राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता से कर रही है कार्य — कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला प्रभारी मंत्री तथा कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोडी लाल मीणा ने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन का आधार है हमें प्राण वायु प्रदान करते हैं, ग्लोबल वार्मिंग, प्रकृति के दोहन एवं प्रदूषण की वजह से पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक पौधे लगाना अति आवश्यक है। उन्होंने उपस्थित आमजन से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से स्वयं के साथ-साथ परिवार, मोहल्ले, गांव व शहर को जोड़कर अलवर को हरा-भरा बनाने के लिए अधिकाधिक पौधारोपण करने के साथ-साथ पौधों का संरक्षण करने का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जल संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कन्या उपवन में अर्धसैनिक बलों, एनसीसी, राजस्थान पुलिस एवं स्काउट गाइड के जवानों द्वारा किए जा रहे पौधारोपण कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि अलवर भर्तृहरि महाराज की तपोभूमि एवं सिलीसेढ झील व सरिस्का के कारण ऐतिहासिक महत्व रखता है, यहां बायोलॉजिकल पार्क भी विकसित किया जाएगा। सभी तपोभूमि को हरा-भरा बनाने के लिए वृक्षों से अच्छादित करने का संकल्प लें। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिवर्ष 10 हजार पौधे लगाए जाते हैं। पौधारोपण में राजस्थान रचेगा इतिहास, पौधारोपण बन रहा है जन-जन का अभियान — वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने संबोधन देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष ’एक पेड़ मां के नाम’ लगाने का आव्हान किया, इस आव्हान से पूरे देश में पौधारोपण की अलख जगी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में गत वर्ष राज्य में 7 करोड़ 35 लाख पौधे लगाए गए, इसका उल्लेख प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 124वें संस्करण में किया, जो हमारे लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि आमजन ने भी गत वर्ष 6 करोड़ पौधे लगाकर उनकी फोटो माई लाइफ पोर्टल पर अपलोड की यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन की सहभागिता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है पौधारोपण के साथ-साथ उनका संरक्षण भी हो, इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के दिशा- निर्देशों पर वन विभाग द्वारा त्रि-स्तरीय जांच कमेटी बनाई हुई है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष भूरासिद्ध के पास मातृवन में 8 हजार पौधे लगाए गए, उनमें से 70 प्रतिशत पौधे जीवित है और जो पौधे सरवाइव नहीं कर पाए उनके स्थान पर नए पौधे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अलवर में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने बायोलॉजिकल पार्क की घोषणा की जिसको गति देने में केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव के विशेष प्रयासों से जू अथॉरिटी से एनओसी बहुत कम समय में मिली है। उन्होंने बताया कि बायोलॉजिकल पार्क में 70 प्रतिशत ग्रीनरी एवं 30 प्रतिशत एंक्लोजर बनाकर देशभर से विभिन्न प्रजातियों के जानवरों को रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की विशेष मॉनिटरिंग व वन विभाग के अधिकारियों व कार्मिको की मेहनत से आज 48 टाइगरों के साथ आबाद है। उन्होंने सभी से ’एक पेड़ मां के नाम’ से लगाने तथा उसका संरक्षण करते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने की अपील की। उप वन संरक्षक अलवर श्री राजेन्द्र हुड्डा ने अतिथियों का आभार जताते हुए बताया कि प्रधानमंत्रा श्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम‘ अभियान से प्रेरित हरियालो राजस्थान अभियान के तहत हरियाली तीज के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान के अंतर्गत रविवार को कटी घाटी स्थित कन्या उपवन में वन महोत्सव-हरियालो राजस्थान 2025 का जिला स्तरीय पौधारोपण कार्यक्रम में आज अतिथियों की अगुवाई में कन्या उपवन में वन विभाग, आईटीबीपी रामगढ, एसएसबी मौजपुर के जवानों, पुलिस, एनसीसी, स्काउट, गाइड, सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, ईको क्लब, व्यापारिक व औद्योगिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों के सहयोग से मियावाकी पद्धति से विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के पौधे रोपे गए जिसमें प्रमुख रूप से बरगद, पीपल, गूलर, पलाश, धौंक, पिलखन, खिरनी, कदम, खेजडी, अर्जुन, जामुन, मौलसरी, सीसम, बोटलबू्रस, बीलपत्र, सीरस, शहतूत, नीम, इमली, लेशवा, पारस पीपल इत्यादि के 10 हजार पौधे लगाए गए। वहीं जिलेभर में आज एक ही दिन विभिन्न विभागों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं, स्काउट गाइड, स्वयंसेवी संस्थाओं, औद्योगिक संघों, एसोसिएशनों, धार्मिक ट्रस्टों एवं आमजन सहभागिता से 10 लाख पौधे लगाकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उन्होंने बताया कि बायोलॉजिकल पार्क की डीपीआर तैयार हो गई है तथा कन्या उपवन में बटर फ्लाई पार्क 3 हैक्टेयर भूमि पर विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष अलवर जिले को 30 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया था जिसके विरूद्ध अब तक जिले में 23 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं तथा जिलेभर में 10 लाख पौधे लगाए जाएंगे। #breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews