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प्रदेश में सुदृढ़ होगी दंत चिकित्सा शिक्षा, राजस्थान दंत परिषद का होगा पुनर्गठन

जयपुर, 3 जुलाई। प्रदेश में दंत चिकित्सा शिक्षा और इससे संबद्ध स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाया जाएगा। दंत चिकित्सा शिक्षा में विभिन्न गुणवत्तापूर्ण सुधार किए जाएंगे। साथ ही, राष्ट्रीय दंत आयोग अधिनियम, 2021 के तहत राजस्थान दंत परिषद का नए सिरे से गठन किया जाएगा। इस अधिनियम को राज्य में लागू करने के लिए इसके नियमों की जांच की जाएगी। चिकित्सा शिक्षा स​चिव श्री अम्बरीष कुमार ने गुरूवार को राष्ट्रीय दंत परिषद के सदस्यों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में इस संबंध में चर्चा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा—निर्देश दिए। बैठक में राजस्थान में दंत चिकित्सा शिक्षा और इससे जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। प्रवेश में पारदर्शिता के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश — बैठक में निर्देश दिए गए कि दंत महाविद्यालयों में अवैध प्रवेश के मामलों पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि प्रवेश में पारदर्शिता बनी रहे। बैठक में दंत चिकित्सा शिक्षा और सार्वजनिक मौखिक स्वास्थ्य से जुड़ी बजट घोषणाओं की समीक्षा की गई ताकि इन्हें राज्य की जरूरतों के अनुसार लागू किया जा सके। पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए बनेगी समिति— बैठक में बताया गया कि दंत चिकित्सा शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा। इसके लिए देश के शीर्ष दंत चिकित्सा शिक्षा संस्थानों का दौरा करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी ताकि वहां की बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाया जा सके। शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी मजबूत किया जाएगा। आईएचएमएस जैसी प्रणाली होगी लागू— बैठक में केंद्रीकृत मरीज डेटाबेस की दृष्टि से दंत महाविद्यालयों में आने वाले मरीजों का पूरा रेकार्ड रखने और उनकी निगरानी के लिए आईएचएमएस जैसी सॉफ्टवेयर प्रणाली शुरू करने पर चर्चा की गई। आरयूएचएस और मारवाड़ विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति के लिए एईबीएएस जैसी बायोमीट्रिक उपस्थिति , प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव रखा गया। दंत चिकित्सकों के नए पदों के सृजन पर विचार विमर्श— दंत चिकित्सकों के लिए निरंतर शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय भी बैठक में किया गया। इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी जो इसे लागू करने की योजना तैयार करेगी। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, ट्रॉमा सेंटर, जिला और उप-जिला अस्पतालों में दंत चिकित्सकों के पद सृजित करने पर भी विचार—विमर्श किया गया। इसके लिए अलग-अलग राज्यों में स्वीकृत दंत चिकित्सक के पदों का डेटा इकट्ठा कर तुलना करने के निर्देश दिए गए। बैठक में अन्य राज्यों की तरह राष्ट्रीय मौखिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए एक प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में अतिरिक्त निदेशक अकादमिक राजमेस डॉ. ममता, उपनिदेशक डॉ. वंदना शर्मा, सहायक निदेशक डॉ. नेहा, डॉ. संकल्प मित्तल, डीन मारवाड़ विश्वविद्यालय व डीन आरयूएचएस सहित चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं दंत महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।#breakingnews #news #rajasthannews #currentnews #indianews #politicalnews #newstoday #latestnews #viralnews #todaysnews